पांच दिवसीय रामचरितमानस महायज्ञ के चौथे दिन भक्तिमय हुआ मुरमुरा

राजिम :- अंचल के गाँव मुरमुरा में गत 15 अप्रैल से प्रारंभ हुआ रामचरितमानस महायज्ञ एवं सत्संग कार्यक्रम के चौथे दिन आज पूरा गाँव भक्तिरस के उफान पर पहुच गया है. आज सिरकट्टी आश्रम के यज्ञकर्ता संत गोवर्धन शरण का आगमन होने और व्यासपीठ पर विराजमान होने से सत्संग का लाभ लेने पूरे गाँव का हुजुम उमड़ पड़ा. मुरमुरा में आज राम नाम की गंगा बह रही है जिसमे डुबकी लगाने हर कोई लालायित नजर आ रहा है ऐसा जान पड़ता है.

यज्ञकर्ता गोवर्धन शरण व्यास के अमृतवचनों से पूरा गाँव अपने को आज धन्य मह्सूस कर रहा है. जिन्होंने अपने प्रवचन में समाज जीवन में व्याप्त विसंगतियों से पार पाने रामचरितमानस के शरण में आने का आव्हान करते हुए उसे सभी समस्याओं का समाधान बताया. अहंकार के समूल नाश को ही जीवन का सार बताते हुए काम, क्रोध, मोह और लोभ को अहंकार रूपी वटवृक्ष की ही शाखा बताते हुए मनुष्य मात्र को अहंकार रूपी वटवृक्ष को गिराने का कोई भी चेष्ठा बाकी नहीं छोड़ रखने का मंत्र दिया. उपस्थति जनसमुदाय को अहंकार से निपटने राम की शरण में आने और उसे जीवन में चरितार्थ होने देने का आव्हान किया.

पांच दिवसीय इस रामचरितमानस महायज्ञ में क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों का भी शुभागमन हुआ जिसमे गरियाबंद जिला पंचायत के सदस्य इंद्रजीत महाडिक अपने माता मीता महाडिक के साथ पधारे. जिसका ग्रामवासीयों ने स्वागत किया. साथ ही जिला पंचायत सदस्य नंदनी ओंकार साहू और शिवांगनी चतुर्वेदी का भी आगमन यज्ञस्थल में देखा गया. कल 20 अप्रैल को पूर्णाहुति के साथ इस महायज्ञ का समापन हो जायेगा.

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महाडिक परिवार का आगमन रहा खास

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