राजिम कुंभ कल्प माघ पूर्णिमा से महाशिवरात्रि तक आयोजित होने वाले राजिम कुंभ कल्प मेला की तैयारी जोरो पर

राजिम :- छत्तीसगढ़ राज्य शासन द्वारा सदियों पुराना राजिम मेला को पूर्व की भांति इस वर्ष भी कुंभ कल्प के रूप में आयोजित करने का निर्णय लिया है जिसकी तैयारी विभिन्न स्तरों पर जोरशोर से शुरु हो गई है. मुख्यमंत्री के स्तर पर समीक्षा बैठक होने के बाद से मेला को भव्य और दिव्य स्वरुप देने शासन और प्रशासन ने कमर कस लिया जान पड़ता है. संभाग आयुक्त महादेव कावरे और गरियाबंद जिलाधिकारी दीपक अग्रवाल से निर्देश मिलने के बाद नये चिन्हित मेला मैदान में समतलीकरण से लेकर संपर्क सड़क तक को ठीक करने की बड़ी कवायद शुरू हो चूकी है. 05 फ़रवरी की डेड लाइन प्रशासन को मिलने के उपरान्त कार्य में तेजी देखी जा रही है.

      मुख्य मंच से लेकर संत समागम ही नहीं हेलीपैड एवं विभागीय स्टालों के साथ मीना बाज़ार और पार्किंग स्थल को चिन्हित कर विराट आयोजन को सफल बनाने युद्ध स्तर पर कार्य किया जा रहा है. राजिम नगरी की भव्यता और दिव्यता को दृष्टिगत शासन ने जो मापदंड तय किया है प्रशासन उनपर खरे उतरने एडी चोटी एक किये हुए जान पड़ता है. मेले में आने वाले श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार की असुविधा से बचाने प्रशासन चौकन्ना जान पड़ता है जो यहाँ गौर करने वाली बात है.

      सदियों से माघी पूर्णिमा से महाशिवरात्रि तक आयोजित होने वाले इस मेला महोत्सव को लेकर पूरे प्रदेश में खास महत्व का माना जाता रहा है. जिसमे भगवान राजीवलोचन और कुलेश्वर महादेव की कृपा प्राप्त करने श्रद्धालुओं की बड़ी जनसमुदाय का प्रत्येक वर्ष यहाँ आना होता है. छत्तीसगढ़ राज्य बनने के बाद से ही इस मेला में शासन का दखल और उसकी भव्यता को बढ़ाने का प्रयास सराहनीय जान पड़ता है. जिससे मेला का स्वरुप निसंदेह बदला है और विभिन्न आयोजनों से इस मेले की प्रासंगिकता को बरकरार रखने का सफल प्रयास जान पड़ता है.

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