विरोध-प्रदर्शन पांडुका में पुनः शराब दुकान खोले जाने का तीव्र विरोध
- by 36Garh Mahtari News --
- 23 Mar 2025 --
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राजिम :- वर्षो पुराना शराब दुकान को हटाने पांडुका क्षेत्र के 21 ग्राम पंचायतो की महिलाओं ने महीनों तक धरना और विरोध प्रदर्शन कर पांडुका गाँव से शराब की दुकान को बंद कराने में आज से 9 वर्ष पहले सफलता पाई थी वे सभी महिलायें एक बार फिर लामबंद हो रही है. क्योकि छत्तीसगढ़ शासन ने क्षेत्र के गाँव तरीघाट और पांडुका में आगामी वित्तीय वर्ष 2025-26 जो की आगामी 1 अप्रैल 2025 से प्रारंभ होने जा रही है में शराब की नयी दुकाने खोलने चिन्हांकित किया गया है. शासन के इस आदेश से महिलाओं में एक ओर जहां घोर निराशा देखी जा रही है वही दूसरी तरफ विरोध के तीव्र स्वर भी उठते देखा गया है. और इस विरोध प्रदर्शन को कांग्रेस पार्टी का समर्थन मिलना और कांग्रेसजनों का साथ मिलने से क्षेत्र की महिलाओं के हौसले बुलंद होते जा रहे है और विरोध स्वाभाविक भी नजर आने लगा है.
पांडुका क्षेत्र के कांग्रेस कार्यकर्ताओं द्वारा आज श्याम कुटीर किरवई में इस विषय पर गहन मंथन किया गया जिसमें कांग्रेस कार्यकर्ता घर-घर जाकर महिलाओं को यह बात बताएगी की भाजपा ने चुनाव जीतने के लिए महतारी वंदन योजना के माध्यम से 1000 रूपये का प्रलोभन देकर सत्ता हथिया लिया और अब उनके घर के पुरुषो और नवजवानों को शराब खोरी की ओर धकेल कर 1000 से कई गुना ज्यादा का राजस्व वसूलेगी. यही नहीं गाँव और परिवारों को बर्बाद करने भाजपा की सरकार मोदी की नई गारंटी ला रही है जिसमें गाँव-गाँव शराब परोसने की तैयारी कर ली गई है और यही भाजपा सरकार का छुपा एजेंडा भी है. पिछले दरवाजे से सरकार की यह घुसपैठ और मनमानी नहीं चलने दी जाएगी इसका उपस्थित कांग्रेसियों ने संकल्प लेकर विरोध प्रदर्शन में शामिल होने का संकल्प दुहराते हुए गाँव-गाँव जन जाग्रति फ़ैलाने निर्णय लिया गया बताया जाता है.
क्षेत्र में कोपरा गाँव को नगर पंचायत का दर्जा दिया गया है जहा अभी-अभी चुनाव उपरान्त नयी बाड़ी ने कार्यभार संभाला है. कोपरा नगर पंचायत के अध्यक्ष कोपरा में शराब दुकान खोले जाने का सक्त विरोधी बताया जाता है जिसे किसी भी प्रकार से गलत नहीं कहा जा सकता है. यह जिम्मेदारी उनके कंधो पर है कि नगर के समुचित विकास में युवा भागीदार बने ना की शराबखोरी द्वारा परिवार को खोखला बनाये. कोपरा नगर पंचायत का अध्यक्ष सत्ता पक्ष से संबंध रखते है शायद इसीलिए ही पांडुका का नाम शासन की लिस्ट में जोड़ा गया है ऐसा अनुमान व्यक्त किया जा रहा है. जो हो पांडुका और तरीघाट में शराब को सर्वसुलभ बनाने की किसी भी कोशिश का खुला विरोध किया जाना क्षेत्र की जनता के हित में है. और खासकर महिलाओं के हित में तो है ही इसमें कोई दो राय नहीं हो सकता है. शासन को अपना यह आदेश वापस लेने बाध्य करने एक बार फिर महिलायें आगे आ रही है जिससे उम्मीद तो बंधी है.
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